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Monday 5 September 2011

Himachal: Good Governance II- Horticulture Development


Horticulture Development

• To make Apple cultivation viable in the face of growing environmental and
global challenges, a ` 85 crore 'Apple Re-plantation Project' has been started.
Old and low yielding variety trees would be replaced with more productive
varieties of apple root-stocks. An area of 12,500 hectares would be covered
under this project in the next five years.

• 'Anti Hail Radar and Gun' has been established at Khara Pathar in Shimla
district on experimental basis to protect the crops form hail. On success such
Radars and Anti Hail Guns would be established in other parts of the State.

• Market Intervention Scheme is being implemented for apple, mango and citrus
fruits under which support price is being given to ensure remunerative prices to
the fruit growers.

• 5628 hectare area brought under horticulture activities under Horticulture
Technology Mission by spending an amount of `37.97 crore.

• Apple and Mango have been covered under weather based Crop Insurance
Scheme on pilot basis by the present Government.


• MoU has been signed between HPMC and M/s Patanjali Yog Peeth , Haridwar
for sale of 700 MT Apple Juice Concentrate to the Peeth. 114.31 MT
concentrate sold to it this year.

• Pack Houses at Reckong-Peo, Jarol-Tikkar (Kotgarh), Gumma (Kotkhai), Oddi
(Kumarsain) and Patlikhul (Kullu) being upgraded by spending `797.30 lakh.

• Modern Fruit Vegetable Pack House being established at Nadaun in Hamirpur
district by spending ` 353.42 lakh.

• 1.58 lakh MT fruits worth ` 83 crore procured from fruit growers under the
Market Intervention Scheme during the last three years.

• 65088.42 MT apple procured under the 'Market Intervention Scheme-2010'.
The State had huge production of apple during 2010. Effective arrangements
were made for its marketing.

• 25.34 lakh fruit plants developed in departmental nurseries besides importing
25,100 fruit plants and 14000 root stocks of apple, pear, peach, plum, cherry,
prune and apricot from USA.

• Fruit Growers provided 1021.33 MT plant protection medicines and subsidy of
` 10.72 crore given on it.

• 1566 manual, 2142 energized tillers, 115 diesel engine and 150 power tillers
provided to horticulturists at subsidized rates.

• 300 small mushroom units, 210 tube wells/bore wells, 15000 cubic meter
capacity water tanks, 116 vermicompost units and 84000 sq. meters green
houses constructed during this period under the National Agriculture
Development Scheme.

हिमाचल : सुशासन - द्वितीय - बाग बानी विकास
बढ़ते वैश्विक पर्यावरणीय खतरों के बीच सेव की फसल की खेती को पर्यावरणके अनुकूल और उपयुक्त बनाते हुवे , ८५ करोड़ रुपये की लागत से " सेवपुनर- वृक्षारोपण परियोजना " की शुरुवात की गयी है. जिसके तहत पुरानेऔर काम उत्पादक वृक्षों की जगह नए और अधिक उपजावु वृक्षों का रोपण किया जारहा है. इसके अन्तरगत १२५०० हेक्टेयर भूमि में अगले पांच वर्षो में यहपरियोजना संपन्न होनी है.
२. फसलो को पाले और शीत पात से बचाने के लिए प्रायोगिक स्तर पर शीत -पात ( पाला ) प्रतिरोधी रडार और गन शिमला जिले के खरा पत्थर में स्थापित कियागया है. इसके सफलता के परिक्षण के बाद राज्य के अन्य जिलो में भी इसेस्थापित करने की योजना है.
३.सेव आम और खट्टे फलो के संरक्षण और अधिक उत्पादन केप्रोत्साहन के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना लागू किया जा रहा है. जिसके तहतउत्पादको को न्यूनतम प्रोत्साहन मूल्य इन फसलो के लिए दिए जा रहे है.
४. ५६२८ हेक्टेयर भूमि को ३७.९७ करोड़ रुपये खर्च कर बाग बानी तकनीकी मिशन के तहत सक्रीय बागबानी के रूप में लाया जायेगा.
५. सेव और आम की फसलो को वर्तमान सरकार द्वारा मौसम आधारित फसल - वीमा के अधीन लाया गया है.
6. एच पी एम् सी और पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के बीच एक समझौता कियागया है जिसके तहत ७०० मीट्रिक टन सेव के सांद्रित जूस को योगपीठ को बेचाजायेगा. जिसमे से इस वर्ष ११४.३१ मीट्रिक टन सेव के जूस को इस वर्ष आपूर्तिकी जायेगी.
७.रेकोंग पियो , जेरोल टिककर ( कोटगढ़ ) , गुम्मा ( कोट खाई ) ओद्दी ( कुमारसेन ) और पात्लिखुल ( कुल्लू) में भंडार घरो की अत्याधुनिकी करण ७९७.३ लाखरुपये खर्च करके लिए जा रहे है.
८. हमीरपुर जिले के नादौन में आधुनिक फल भण्डारण केंद्र का निर्माण कार्य ३५३.४२ लाख रुपये खर्च कर कराया जा रहा है.
९.पिछले तीन वर्षो में राज्य सरकार द्वारा १.५८ लाख मीट्रिक टन फलो का , फलउत्पादको से बाजार हस्तक्षेप योजना के अंतर गत ८३ करोड़ रुपये में ख़रीदागया.
१०. ६५०८८.४२ मीट्रिक टन सेव का बाजार हस्तक्षेप योजना के अन्तरगत वर्ष २०१० में बाजार में लाया गया.
११.वर्ष २०१० में रिकार्ड मात्रा में सेव का उत्पादन प्रदेश में हुवा.जिसके ब्यापार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये गए.
१२. २५.३४ लाख फलो के पौधों का विकास प्रदेश की विभिन्न पौध शालावो में कियागया, इसके अलावा २५,१०० फलो के पौधों और १४००० पौध - मूलो, जिसमे सेव, नाशपाती , आडू , आलू भुखारा , चेरी ,खुबानी आदि शामिल है ,को अमेरिका सेमंगाया गया.
१३. फल उत्पादको को फलो की सुरक्षा के लिए १०२१.३३ मीट्रिक टनरासायनिक दवाए वितरित की गयी , जिसपर १०.७२ करोड़ रुपये की आर्थिक सहायताउपलब्द्ध कराई गयी.
१४. १५६६ हस्त चालित, २१४२उर्जा से चलने वाली , ११५ डिजेल इंजिन से चलने वाली और १५० पवार युक्तजुताई यंत्र को किसानो को सब्सिडी युक्त ,कम कीमत पर उपलब्द्ध कराये गए.
१५. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा ३०० लघु मशरूम इकाईयों , २१० टुब वेल / बोर वेल , १५००० घन मीटर क्षमता वाले पानी के टैंको , ११६वर्मी कम्पोस्ट इकाईयों और ८४००० वर्ग मीटर में हरित भवनों का निर्माणराष्ट्रिय कृषि विकास परियोजना के अन्तरगत किया गया.
Translated by Sharad ji and helped by Anurag Thakur

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