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Wednesday 8 February 2012

भाजपा साशित राज्य बनाम उत्तर प्रदेश:संक्षिप्त विवरण

भारतीय जनता पार्टी की सरकार भारत के 6 प्रमुख राज्यों में सत्ता में है और 3 राज्यों भाजपा राजग गटबंधन के सात काम कर रही है। ये राज्य भारत के 35 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को कवर करता है जिसमे कुल भारत की जनसँख्या का 34% इन राज्यों में है। पिछले कुछ वर्षों में सभी भाजपा साशित राज्यों में मानव विकास सूचकांक में सुधार देखने को मिला राष्ट्रीय मानव विकास सूचकांक की तुलना में। भाजपा साशित 9 राज्य भारत की अर्थव्यवस्था में अकेले 26 प्रतिशत का योगदान देते हैं।

भाजपा साशित राज्यों के प्रदर्शन तुलना अगर भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से करें तो इकोनोमिस्ट पत्रिका के अंश का उलेखनीय है।यदि उत्तर प्रदेश को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया जाये तो यह विश्व की पांचवी सबसे आबादियों वालो देश में रहता और इसकी जनसँख्या ब्राजील के बराबर हैद्य इस राज्य की अर्थव्यवस्था कतर जैसे छोटे देश के बराबर है जो एक तेल से समृद्ध राज्य है और जहाँ की आबादी 2 मिलियन व्यक्तिओं से भी कम है। इस कारणवस उत्तर परदेश की पर व्यक्ति आय इसे गरीब बनता है। पिछले दो दशकों भारत का विकास दर तेज़ी से बढ़ रहा है परन्तु इन सब के बाद भी उत्तर प्रदेश की घरेलु उत्पाद (GDP) प्रति व्यक्ति केन्या के बराबर है।

उत्तर प्रदेश भारत के कुल क्षेत्र में से 7 प्रतिशत में फैला हुआ है और इस सम्पूर्ण प्रदेश में बारहमासी नदियाँ बहती रहती है। उत्तर प्रदेश में इतनी अच्छी सिंचाई की छमता होने के बाद भी केवल 60-70 प्रतिशत एरिया ही सिंचाई का लाभ उठा रहा है वही अगर कर्नाटका की बात करे तो इतने अच्छे संसाधन ना होने के बाद भी 104 प्रतिशत एरिया सिंचाई के अंतर्गत आता है।

जब किसानो के सुविधा की बात आती है, तब उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से अधिकतम आवंटन मिलता तब भी हालत वही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य का नेतृत्व खुद एक महिला कर रही हैं परन्तु अभी भी यहाँ की गंभीर समस्या है महिलाओं को सीमाओं में रखना। उत्तर प्रदेश की तुलना भाजपा गटबंधन वाले राज्य बिहार से करे तो वहां सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि महिलाओं के लिए साधारण पारामीटर है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की जनसँख्या बिहार से दोगुनी है परन्तु इसके बाद भी भूमि धारक (लैंड होल्डिंग) महिलाओं की संख्या 1266000 है, जो की पूरी आबादी के 6 प्रतिसत है, वहीँ बिहार में भूमि धारक (लैंड होल्डिंग) महिलाओं की संख्या 1119000 है, जो की कुल महिला आबादी का 11 प्रतिसत है। अगर अन्य मापदंड पर बात करे उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों लगातार वृद्धि दिखी है।

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का डाटा देखें तो साफ पता चलता है की उत्तर प्रदेश में आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत केस कम भाजपा साशित राज्यों की तुलना में ये सब बातें अस्पष्ट बताती है की यहाँ सरकार ओर अपराधियों की मिलीभगत है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध का प्रतिशत 16.8 जो की बहुत अधिक है, भले हिन् उस राज्य में शासन उस वर्ग के लोगों का ही है।

जब बात बुनयादी सुविधाओं की आती है तो बिजली, सड़क, परिवहन और अन्य सुविधाएं जैसे की सार्वजनिक उपयोगिताओं के नाम पर दिखाने के लिए उत्तर प्रदेश के पास कुछ नही है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राज्यमार्ग की सड़क की लम्बाई तुलनीय है अन्य राज्यों से जबकि वह प्रमुख व्यापार मार्ग है। जिला परिषद् सड़कों की लम्बाई मात्र 15,520 किलोमीटर है जो की अन्य राज्यों से काफी कम है जैसे गुजरात और कर्नाटका में क्रमशरू 44434 एंड 144725 किलोमीटर हैं।

इसी तरह उत्तर प्रदेश में विद्युत उत्पादन छमता के यन्त्र आदि लगाना यह सब काम केंद्र सरकार के मदद से हुआ है, जबकि अन्य भाजपा साशित राज्यों में राज्य सरकारों के भागीदारी और विश्वास के कारण राज्यों में निजी क्षेत्रों में निवेश हुआ है।

केंद्र के द्वारा निति अनुसन्धान के लिए भारत के अलग-अलग राज्यों के आर्थिक स्वतंत्रता का एक अध्यन करवाया गया, जिसमे भाजपा साशित राज्य गुजरात, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखण्ड आदि सबसे आगे है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे पीछे में है। यह स्पस्ट रूप से दिखाई देता है राज्य के उद्योग एवं उत्पादनों के मामले में। गुजरात और कर्नाटका विदेशी निवेश के लिए सबसे अच्छी जगह है भारत में क्योकि वहां वैश्विक बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं, जबकि उत्तर प्रदेश अपनी औद्योगिक उत्पादन की वृधि के लिए दिल्ली पर आश्रित है।

शिक्षा राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं और खास कर तब जब पर्याप्त बुनियादी सुविधायों को प्रदान करने में मानव के लिए पूंजी बन जाता है और तब जब उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ की आबादी में 2181 कालेज हैं जिसमे मात्र 144 कालेज की वृधि हुई पिछले 4 साल में(2004 -2009 )। जबकि इसी समय अवधि में कर्नाटका में 900 से बढ़ कर 2675 कालेज खुल गये, गुजरात में कालेजों की संख्या बढ़ 605 हो गई और छत्तीसगढ़ में कालेजों की संख्या भी बढ़ कर 170 हो गई है।

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य की बुनयादी सुविधाओं के छमता का मूल्याकन इन तथ्यों से किया जा सकता है उत्तर प्रदेश में पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चों की संख्या केवल 21 प्रतिशत है, परन्तु यही आंकड़े पंजाब में 72 प्रतिसत, कर्णाटक में 60 प्रतिसत और गुजरात में 53 प्रतिसत।

 उत्तर प्रदेश में भाजपा को शासन में लाये और इसे उत्तम प्रदेश बनते देखें।

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