इतिहास रहा है. विगत वर्षो में असम और पश्चिम बंगाल की सरकारे
अल्पसंख्यको के वोटो के लिए इस विदेशी घुसपैठ को अपनी मूक सहमति प्रदान
करते रहे है .इन घुसपैठियों के साथ कुछ दुर्दांत और गहन प्रशिक्षण
प्राप्त आतंकवादियों का भी आगमन होता रहा है , जो घुसपैठ के साथ ही देश
के अंदरूनी हिस्सों में अपनी पकड़ बनाकर ,भूमिगत होकर स्लीपर सेलो के
माध्यम से अपने राष्ट्र विरोधी तंत्रों को विस्तृत करना शुरू कर देते
है . लेकिन जब देश की ख़ुफ़िया संस्थाए और पुलिस प्रशासन ऐसे लोगो को
चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्यवाही करना शुरू करती है, तो देश के तमाम धर्म
निरपेक्ष मुखौटावादी साम्प्रदायिकता और मानव अधिकारों की दुहाई देकर
चीखना चिल्लाना शुरू कर देते है.
ये उग्र पंथी स्लीपर सेल खुद को स्थानीय अल्पसंख्यकों के साथ अपने आप को
एकीकृत करलेते है . स्थानीय लोग ऐसे आतंक वादियों के लिए जरूरी सुविधाए
जैसे उनके लिए सुरक्षित घर, उनके सूचना के आदान प्रदान के माध्यम , रसद
और उनके गुप्त गतिविधियों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं. अब तक की
घटनावो के जांच में हर बार उग्रवादियों द्वारा इस तरह के तंत्र का
प्रयोग को देखा गया है . माओ त्से तुंग ने एक बार कहा था कि विद्रोही
(आतंकवादी) का व्यवहार एक मछली की तरह होता है, जो स्थानीय समर्थन से
समुद्र में तैरती रहती है. पानी के बिना जैसे मछली का सफाया हो जाता है.
ठीक उसी तरह स्थानीय समर्थन के बिना, विद्रोही असहाय है.
९ सितम्बर २०११ के संयुक्त राज्य अमेरिका के आतंकी हमले के बाद और उसके
उपरांत इसराइल और इंग्लैंड की घटनावो के बाद किसी भी इस्लामी आतंकवादी
का सबसे बड़ा लक्ष्य भारतीय राज्य गुजरात रहा है. हालाकि अभी तक
पाकिस्तान के साथ इस राज्य की सीमाए साझा होने बाद भी गुजरात बेहद
शांतिपूर्ण रहा है.
गुजरात "ड्राई स्टेट" है - इसलिए नहीं, कि वहाँ पर राज्य में शराब
निषेध है, बल्कि इसलिए कि गुजरात का सक्षम प्रशाशन इसके समुद्री जल सीमा
से किसी भी आतंकवादी को तैरने की अनुमति नहीं प्रदान करता है. विकास
के संबंध में गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार की सक्रिय नीतियों में आम
मुसलमानों को भी शामिल किया है और उन्हें शांतिपूर्ण विकास में भागीदार
बनाया है. गुजरात के मुसलमानो ने भी इसमें अपने कदम बढाकर राज्य के विकास
में और प्रदेश की शांति व्यवस्था में भागीदारी की है. साथ ही राज्य सरकार
के सक्रिय आतंरिक सुरक्षा नीतियों के कारण, राज्य के सुरक्षा व्यवस्था के
लिए चुनौती खड़ी करने वाले तत्वों को भी उनके द्वारा राज्य की सुरक्षा
ब्यवस्था और शांति के लिए चुनौती खड़ी करने पर इसके कठोर परिणाम भुगतने
के भय से, आतंकवादियों के प्रदेश में घुसपैठ करने के बाद उन्हें समर्थन
और सहयोग देने वाला ना मिलने से , वे अलग थलग पड़ जाते है. अक्षरधाम
मंदिर जैसी घटनावो के बाद आज गुजरात राज्य शांतिपूर्ण बना हुवा है.
केंद्र सरकार द्वारा पोटा वापस लिए जाने के बाद और उसके यूपीए सहयोगी
घटकों द्वारा अल्प संख्यको के तुष्टिकरण और उनके घुसपैठ को मौन समर्थन
दिए जाने के बाद भी गुजरात इस्लामी आतंकवाद के गतिविधियों के नियंत्रण
के मामले में एक रोल मॉडल है .यह एक सक्रिय सरकार की नीति और एक
प्रतिक्रियाशील हिंदू समुदाय की सक्रिय भागीदारी की देन है.
आतंकवाद से लडाई में सबसे अहम् है कि आतंकवादियों की सबसे बड़ी कड़ी
"स्थानीय लोगो का उनको दिया जाने वाला समर्थन" को तोड़ा जाए. इस तथ्य की
उपेक्षा का परिणाम हम हिन्दुस्तानियों के खून के रूप में अदा करना पड़ रहा
है.
Translated into Hindi by sharad ji and Anurag
The sleeper cells integrate themselves with the local minorities. The locals provide the safe houses, information, logistics and cover for the sleeper cells. Every investigation into every blast has brought out this pattern.
Mao Tse Tung once said that the insurgent (Terrorist) is like a fish who swims in a sea of local support. Without the water the fish dies. Without local support, the insurgent is helpless.
After USA, Israel and England, the favorite target of any self respecting Islamic terrorist anywhere in the world would be Gujarat. Yet Gujarat remains peaceful despite the state sharing a border with Pakistan.
Gujarat is dry – not because there is a liquor prohibition in place.. Gujarat offers no water for the terrorist to swim in.
The proactive policies of the Narendra Modi government in relation to development has included the ordinary Muslims of Gujarat and made them partners in peaceful development. The Muslims have also taken many steps forwards and have become partners in peace and progress of Gujarat.
Gujarat is dry – not because there is a liquor prohibition in place.. Gujarat offers no water for the terrorist to swim in.
The proactive policies of the Narendra Modi government in relation to development has included the ordinary Muslims of Gujarat and made them partners in peaceful development. The Muslims have also taken many steps forwards and have become partners in peace and progress of Gujarat.
At the same time, the proactive approach of the government vis-à-vis security has made local troublemakers inside the Muslim community aware of the high prize they would have to pay if they support terrorist elements.
The terrorist is isolated once he enters this state. This is why, aside from a few incidents like the attack on Akshadham Temple, Gujarat remains peaceful even today.
The terrorist is isolated once he enters this state. This is why, aside from a few incidents like the attack on Akshadham Temple, Gujarat remains peaceful even today.
This, despite the central government’s withdrawing POTA and the UPA’s tacit support to minority assertiveness and infiltration. Gujarat is a model when it comes to taking in Islamic terror. It is combination of a proactive government policy and a reactive Hindu community that ensures peace. ELIMINATION OF LOCAL SUPPORT IS THE KEY TO COUNTERTERRORISM….The prize of ignoring this reality will be paid in blood by ALL INDIANS..
excerpts taken from http://www.haindavakeralam.com/
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